EPFO News – अगर आपकी मंथली सैलरी सिर्फ 25 हजार रुपये है और आप सोचते हैं कि इतनी कम इनकम में रिटायरमेंट के लिए मोटा फंड कैसे बनेगा, तो अब परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। EPF की जगह अगर आप थोड़ा स्मार्ट प्लान करें और VPF (Voluntary Provident Fund) में निवेश करें, तो आप भी करोड़पति बन सकते हैं। जी हां, सिर्फ 25 हजार की सैलरी में आप 2.5 करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड बना सकते हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि ये VPF आखिर है क्या और ये EPF से कैसे अलग है? आइए, आपको आसान और कैजुअल भाषा में बताते हैं कि VPF कैसे काम करता है और कैसे आप इसे अपने फाइनेंशियल फ्यूचर के लिए सुपरवॉर बना सकते हैं।
EPF और VPF में क्या फर्क है?
EPF (Employees’ Provident Fund) वो स्कीम है जिसमें आपकी सैलरी से 12 प्रतिशत और आपके एंप्लॉयर (कंपनी) की ओर से भी 12 प्रतिशत कंट्रीब्यूशन किया जाता है। ये एक अनिवार्य योजना है जो सभी सैलरीड कर्मचारियों पर लागू होती है।
अब बात करते हैं VPF की।
VPF यानी Voluntary Provident Fund, EPF की एक्सटेंशन स्कीम है, यानी इसमें आप अपनी मर्जी से EPF के अलावा एक्स्ट्रा अमाउंट निवेश कर सकते हैं। इसमें आपको कंपनी से एक्स्ट्रा कंट्रीब्यूशन नहीं मिलता, लेकिन जो पैसा आप जमा करते हैं, उस पर वही ब्याज मिलता है जो EPF पर मिलता है।
इसका मतलब साफ है – जितना ज्यादा पैसा आप VPF में डालेंगे, उतना ज्यादा रिटर्न मिलेगा और उतना बड़ा फंड बनेगा।
VPF में ब्याज कितना मिलता है?
सरकार हर साल EPF और VPF दोनों पर एक जैसा ब्याज देती है। फिलहाल ये रेट 8.25% के आसपास है, जो कि बाकी कई सेविंग स्कीम्स से कहीं ज्यादा है। ये ब्याज कंपाउंड होता है यानी हर साल ब्याज की रकम पर भी ब्याज मिलता है। यही बात इसे खास बनाती है।
कैसे बन सकता है 2.5 करोड़ रुपये का फंड?
अब बात करते हैं सबसे जरूरी चीज की – आखिर कैसे 25 हजार सैलरी में 2.5 करोड़ रुपये का फंड बनाया जा सकता है?
मान लीजिए आपकी उम्र 25 साल है और आपकी मंथली सैलरी 25 हजार रुपये है। अब आप EPF के अलावा VPF में भी कंट्रीब्यूट करते हैं और कुल मिलाकर अपनी सैलरी का 20 प्रतिशत हर महीने PF में डालते हैं।
अब अगर आपकी सैलरी हर साल 5 प्रतिशत की दर से बढ़ती है और आप अगले 35 साल तक (60 की उम्र तक) ये कंट्रीब्यूशन जारी रखते हैं, तो फाइनल कैलकुलेशन कुछ इस तरह होगा:
- कुल निवेश: ₹68,05,474
- कुल ब्याज: ₹2,05,41,873
- कुल फंड: ₹2,73,47,347
मतलब साफ है – आप रिटायरमेंट के वक्त एक शानदार फंड के मालिक होंगे और आपको पेंशन या फाइनेंशियल प्रॉब्लम की कोई टेंशन नहीं होगी।
VPF के क्या फायदे हैं?
- टैक्स बचत: VPF में किया गया निवेश सेक्शन 80C के तहत टैक्स फ्री होता है। यानी जो पैसा आप निवेश करते हैं, उस पर टैक्स नहीं देना पड़ता।
- ब्याज भी टैक्स फ्री: EPF की तरह VPF का ब्याज भी टैक्स फ्री होता है, जब तक आपकी सालाना ब्याज इनकम ₹2.5 लाख से कम हो।
- सरकारी गारंटी: EPF और VPF सरकारी योजनाएं हैं इसलिए इनमें निवेश पूरी तरह सुरक्षित होता है।
- निकलवाने में आसान: आप जब चाहें VPF का पैसा निकाल सकते हैं – जैसे घर खरीदना हो, शादी करनी हो या मेडिकल इमरजेंसी।
क्या कोई लिमिट है VPF में निवेश की?
VPF में निवेश करने की कोई ऊपरी सीमा नहीं है। आप अपनी पूरी बेसिक सैलरी और DA (Dearness Allowance) तक का पैसा VPF में डाल सकते हैं। बस ध्यान ये रखना है कि आपकी कंपनी EPFO से रजिस्टर्ड होनी चाहिए और आपके पास EPF नंबर हो।
कैसे शुरू करें VPF?
VPF शुरू करना बहुत ही आसान है। इसके लिए आपको बस अपनी कंपनी के HR या अकाउंट डिपार्टमेंट को एक एप्लिकेशन देना होता है जिसमें आप बताएं कि आप VPF में कितना कंट्रीब्यूट करना चाहते हैं। फिर आपकी सैलरी से हर महीने वो अमाउंट कटकर VPF में जमा हो जाएगा।
किन लोगों के लिए VPF सबसे बेस्ट है?
- वो लोग जो नौकरी में लंबे समय तक टिके रहना चाहते हैं
- जिनकी सैलरी कम है लेकिन भविष्य के लिए सेविंग करना चाहते हैं
- जो टैक्स सेविंग और अच्छा ब्याज दोनों चाहते हैं
- जो जोखिम नहीं लेना चाहते और FD से ज्यादा रिटर्न चाहते हैं
अगर आप सिर्फ EPF पर भरोसा कर रहे हैं तो आप अपने रिटायरमेंट प्लान को अधूरा ही रख रहे हैं। आज महंगाई के जमाने में केवल 12 प्रतिशत EPF से काम नहीं चलेगा। ऐसे में VPF एक ऐसा विकल्प है जिसमें आप खुद तय कर सकते हैं कि कितना निवेश करना है और कितना फंड बनाना है।
तो अगर आप अभी 25-30 की उम्र में हैं और सैलरी ज्यादा नहीं है, तब भी घबराने की जरूरत नहीं है। थोड़ा प्लानिंग और थोड़ा स्मार्ट इन्वेस्टमेंट से आप भी 2.5 करोड़ या उससे ज्यादा का रिटायरमेंट फंड बना सकते हैं। बस आज ही अपने HR से बात करें और VPF शुरू कर दें।