Loan Settlement Process – अगर आपने कभी लोन लिया है और किसी वजह से उसकी EMI समय पर नहीं भर पाए हैं, तो बैंक आप पर जुर्माना लगा सकता है, नोटिस भेज सकता है और काफ़ी दबाव बना सकता है। ऐसे में बहुत सारे लोग एक रास्ता अपनाते हैं – Loan Settlement। ये तरीका थोड़े वक्त के लिए राहत तो देता है, लेकिन अगर बाद में जरूरी स्टेप्स नहीं लिए गए, तो आप आने वाले 7 साल तक किसी भी बैंक से लोन नहीं ले पाएंगे।
इस आर्टिकल में हम आपको आसान और कैजुअल भाषा में बताएंगे कि लोन सेटलमेंट क्या होता है, इसके क्या नुकसान हैं और इससे उबरने के लिए आपको कौन-कौन से ज़रूरी काम तुरंत करने चाहिए।
सबसे पहले जानिए – लोन सेटलमेंट होता क्या है?
लोन सेटलमेंट को हम आम भाषा में One Time Settlement (OTS) भी कहते हैं। इसका मतलब होता है कि अगर आप लोन की किस्तें नहीं भर पा रहे हैं, तो आप बैंक से बात करके एक समझौते पर पहुंचते हैं। इसमें बैंक आपको कहता है कि चलो, अब जो तुमसे बन पड़े उतनी राशि एकमुश्त दे दो और मामला खत्म करते हैं।
उदाहरण के लिए अगर आपने 5 लाख का लोन लिया था, ब्याज मिलाकर कुल पेमेंट 6 लाख बन रही थी, लेकिन आपने अब तक सिर्फ 2 लाख चुकाया है और आगे चुकाना मुश्किल हो रहा है, तो बैंक कह सकता है कि 3 लाख दे दो, बाकी हम माफ कर रहे हैं। इसे ही सेटलमेंट कहते हैं।
सुनने में अच्छा लग रहा है? लेकिन रुकिए – ये होते हैं इसके नुकसान
1. लोन पूरी तरह क्लोज नहीं होता
आपको लगता है कि मामला खत्म हो गया, लेकिन बैंक की नजर में आपका लोन “Closed” नहीं बल्कि “Settled” रहता है। यानी ये रेकॉर्ड में हमेशा दिखता है कि आपने पूरा लोन नहीं चुकाया।
2. क्रेडिट रिपोर्ट में खराब एंट्री
जैसे ही आप लोन सेटलमेंट करते हैं, आपके CIBIL रिपोर्ट में “Settled” लिखा जाता है। इससे नए बैंक को ये संकेत मिलता है कि आप लोन चुकाने में भरोसेमंद नहीं हैं।
3. CIBIL स्कोर बुरी तरह गिरता है
CIBIL स्कोर में 100-150 पॉइंट तक की गिरावट आ सकती है। कई बार तो ये 600 से भी नीचे चला जाता है, जो बहुत खराब माना जाता है।
4. 7 साल तक लोन मिलना मुश्किल
एक बार CIBIL रिपोर्ट में “Settled” लिखा आ गया तो अगले 7 साल तक कोई भी बैंक या NBFC आपको लोन देने में हिचकिचाएगा। यानी कार लोन, होम लोन, पर्सनल लोन – सब सपना बन सकते हैं।
5. बैंक ब्लैकलिस्ट कर सकता है
अगर मामला बड़ा है और सेटलमेंट बड़ी राशि में हुआ है, तो बैंक आपको अपनी इंटरनल लिस्ट में ब्लैकलिस्ट भी कर सकता है। इसका मतलब है कि वह बैंक भविष्य में आपके साथ कोई फाइनेंशियल डील नहीं करेगा।
अब सवाल – लोन सेटलमेंट के बाद क्या करें?
अगर आप मजबूरी में लोन सेटलमेंट कर चुके हैं, तो सबकुछ खत्म नहीं हुआ है। आप कुछ कदम उठाकर दोबारा अपने CIBIL स्कोर को बेहतर बना सकते हैं और आने वाले वक्त में फिर से लोन के लिए योग्य बन सकते हैं।
1. पेनल्टी और ब्याज का बाकी पैसा चुका दें
सेटलमेंट के वक्त आपने जो छूट ली थी (पेनल्टी और ब्याज में), उसे जब भी आपके पास पैसे हों, वापस बैंक को चुका दें। इससे बैंक आपके अकाउंट को “Settled” की जगह “Closed” कर सकता है।
2. बैंक से NOC लें
जैसे ही आप सारा बकाया चुका दें, बैंक से एक No Objection Certificate (NOC) जरूर लें। ये दस्तावेज़ बहुत जरूरी होता है – भविष्य में किसी भी क्रेडिट कार्ड या लोन आवेदन में इसकी जरूरत पड़ती है।
3. CIBIL स्कोर अपडेट करवाएं
NOC मिलने के बाद तुरंत CIBIL या बैंक से कहें कि आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में सुधार करें। इसमें कुछ हफ्ते लग सकते हैं, लेकिन रिपोर्ट अपडेट हो जाएगी तो आपकी साख दोबारा बनने लगेगी।
4. छोटे लोन लेकर समय पर चुकाएं
CIBIL स्कोर को सुधारने का एक और तरीका है कि आप कोई छोटा लोन (जैसे कंज्यूमर लोन, गोल्ड लोन आदि) लें और उसकी EMI बिल्कुल समय पर चुकाएं। इससे धीरे-धीरे आपका स्कोर ऊपर जाएगा।
आसान शब्दों में समझिए – ये है सुधार की सीढ़ी
स्टेप्स | फायदे |
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सेटलमेंट के बाद बाकी रकम चुकाना | अकाउंट क्लोज और भरोसा दोबारा बहाल |
बैंक से NOC लेना | भविष्य की लोन प्रक्रिया में सहूलियत |
CIBIL अपडेट करवाना | रिपोर्ट में “Closed” दिखेगा |
छोटे लोन समय पर चुकाना | स्कोर धीरे-धीरे सुधरेगा |
लोन सेटलमेंट कभी-कभी मजबूरी में करना पड़ता है, लेकिन ये फाइनल सलूशन नहीं होता। अगर आप इसके बाद ज़रूरी कदम नहीं उठाते हैं, तो अगले 7 साल तक आपकी फाइनेंशियल आज़ादी खत्म हो सकती है।
इसलिए अगर आपने लोन सेटल किया है या करने की सोच रहे हैं, तो ध्यान रखें कि भविष्य में लोन मिलने के लिए आपको बकाया रकम चुका कर NOC लेना और CIBIL स्कोर अपडेट करवाना जरूरी है।
वरना आज का छोटा फायदा कल की बड़ी दिक्कत बन सकता है।