UPI New Rules – आजकल हमारा ज़्यादातर काम मोबाइल से हो जाता है। सब्ज़ी वाले को पैसे देने हों या किसी दोस्त को उधार चुकाना हो, एक क्लिक में UPI से सब कुछ हो जाता है। लेकिन अगर आप भी गूगल पे, फोनपे, पेटीएम या भीम जैसे UPI ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खबर है।
1 जून 2025 से UPI के कुछ नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। NPCI यानी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने ये बदलाव डिजिटल ट्रांजैक्शन को और ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने के लिए किए हैं। आइए आपको इन नए नियमों को आसान भाषा में समझाते हैं ताकि आगे चलकर कोई परेशानी न हो।
अब दिखेगा रिसीवर का असली नाम
अभी तक जब आप किसी को पैसे भेजते थे, तो सामने वाले का नाम देखकर सिर्फ अंदाजा लगाते थे कि वही व्यक्ति है, खासकर तब जब QR कोड स्कैन करते थे। लेकिन अब NPCI ने साफ कर दिया है कि अब ट्रांजैक्शन करते समय उस व्यक्ति का बैंक में रजिस्टर्ड असली नाम आपके UPI ऐप में दिखेगा।
इससे होगा ये कि गलती से किसी और को पैसे भेजने की संभावना काफी कम हो जाएगी। खासकर बुजुर्ग लोग या नए यूजर्स इससे काफी फायदा महसूस करेंगे।
90 दिन से बंद नंबर तो बंद होगी UPI ID
अगर आपने कोई पुराना सिम कार्ड 90 दिनों से चालू नहीं किया है, तो सतर्क हो जाइए। अब NPCI के नए नियमों के मुताबिक, ऐसे सभी बंद पड़े मोबाइल नंबरों की UPI ID अपने आप बंद कर दी जाएगी।
इसका फायदा ये है कि अगर आपका पुराना नंबर किसी और के हाथ लग जाता है, तो वो आपकी पुरानी UPI ID का गलत इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। तो बेहतर होगा कि अगर आप नंबर इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, तो बैंक में अपडेट जरूर करवा लें।
ट्रांजैक्शन लिमिट में भी हुआ बदलाव
अब बात करते हैं पैसे भेजने की लिमिट की, जिसे लेकर बहुत सारे लोग कन्फ्यूज रहते हैं। नए नियमों के अनुसार:
- आम यूजर्स के लिए 1 लाख रुपये प्रति दिन की लिमिट जारी रहेगी।
- लेकिन हॉस्पिटल और एजुकेशन जैसे सेक्टर्स में भुगतान के लिए ये लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है।
- पर्सन टू पर्सन ट्रांजैक्शन (P2P) के लिए अब भी 1 लाख रुपये की सीमा लागू है।
- एक दिन में अधिकतम 20 ट्रांजैक्शन तक की अनुमति होगी।
- नए यूजर्स पहले 24 घंटे में सिर्फ 5000 रुपये तक ही ट्रांजैक्शन कर सकेंगे।
सुरक्षा के लिए और सख्त हुए नियम
UPI में फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी को रोकने के लिए NPCI ने कुछ और सख्त कदम उठाए हैं:
- जिन UPI IDs को 1 साल से इस्तेमाल नहीं किया गया, उन्हें अपने आप बंद कर दिया जाएगा।
- मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) अब और मजबूत किया गया है। अब ट्रांजैक्शन करते समय आपको OTP और UPI पिन दोनों डालने होंगे।
- किसी अनजान लिंक, कॉल या QR कोड से सावधान रहें। ये सबसे आम तरीके हैं जिनसे फ्रॉड होता है।
1 जून 2025 के बाद क्या करना जरूरी है?
अगर आप चाहते हैं कि आपका डिजिटल पेमेंट अनुभव बिना किसी झंझट के चलता रहे, तो ये बातें जरूर फॉलो करें:
- अपने UPI ऐप का लेटेस्ट वर्जन इंस्टॉल रखें।
- पैसे भेजने से पहले रिसीवर का नाम ध्यान से चेक करें।
- किसी अनजान QR कोड को स्कैन न करें।
- अगर ट्रांजैक्शन फेल हो जाए, तो तुरंत बैंक या ऐप की हेल्पलाइन से संपर्क करें।
- बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर चालू रखें, ताकि OTP और अलर्ट मिलते रहें।
- अगर कोई नंबर बंद कर दिया है, तो बैंक को अपडेट जरूर करें।
कहां से लें मदद?
अगर आपको नियम समझने में कोई दिक्कत हो रही है या आपके ऐप में कोई दिक्कत आ रही है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप ये कर सकते हैं:
- अपने बैंक की हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें।
- NPCI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपडेट पढ़ें।
- अपने UPI ऐप (जैसे PhonePe, GPay) के कस्टमर सपोर्ट से संपर्क करें।
UPI ने हमारी जिंदगी बहुत आसान बना दी है। लेकिन जितना ज्यादा हम इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, उतना ही जरूरी है कि हम सावधानी भी बरतें।
NPCI के ये नए नियम आपके पैसों को सुरक्षित रखने के लिए लाए गए हैं। थोड़ी सी सतर्कता और जानकारी आपको फ्रॉड से बचा सकती है। तो नए नियमों को अच्छे से समझिए, अपने ऐप्स को अपडेट रखिए और डिजिटल इंडिया का स्मार्ट यूजर बनिए।