UPI Transaction Charges – अगर आप भी उन करोड़ों लोगों में से एक हैं जो रोज़मर्रा की जिंदगी में UPI से पेमेंट करते हैं – चाहे चायवाले को 10 रुपये देने हों या किराने की दुकान पर 1000 रुपये – तो आपके लिए 1 जून 2025 से जुड़ी ये खबर बेहद अहम है। क्योंकि इस दिन से UPI से जुड़े कुछ नए नियम लागू हो रहे हैं। अगर आप इन नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो आपका UPI बंद हो सकता है या ट्रांजैक्शन फेल हो सकते हैं।
ये बदलाव नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की ओर से किए जा रहे हैं, और इनका मकसद UPI सिस्टम को और ज्यादा सुरक्षित, ट्रैक करने लायक और फ्रॉड-फ्री बनाना है। तो आइए एक-एक करके जानते हैं क्या-क्या बदलने वाला है और आपको कौन-कौन सी चीज़ों का ध्यान रखना ज़रूरी होगा।
अब रिसीवर का असली नाम दिखेगा
अब तक जब आप किसी को पेमेंट करते थे, तो सिर्फ UPI ID या मोबाइल नंबर देखकर ही पैसे ट्रांसफर कर देते थे। लेकिन कई बार ऐसा होता था कि नंबर गलत एंटर हो जाता था या QR कोड किसी फ्रॉड का होता था – और पैसे गलत अकाउंट में चले जाते थे।
अब नया नियम ये कहता है कि जब भी आप किसी को पैसे भेजेंगे, तो उसका बैंक में रजिस्टर्ड असली नाम स्क्रीन पर दिखेगा। इससे आप कन्फर्म कर सकेंगे कि पैसे सही व्यक्ति के पास जा रहे हैं। इससे फ्रॉड के मामलों में भारी कमी आने की उम्मीद है।
मोबाइल नंबर एक्टिव रखना अनिवार्य
अगर आपने लंबे समय से अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर का इस्तेमाल नहीं किया है, तो सतर्क हो जाइए। अगर आपका नंबर 90 दिनों से एक्टिव नहीं है, तो उससे जुड़ी UPI ID को NPCI खुद-ब-खुद बंद कर देगा।
और अगर वो नंबर किसी और को एलॉट हो गया है, तो आपके UPI से जुड़ा डेटा किसी और के पास जा सकता है। इसलिए हमेशा ध्यान रखें:
- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर एक्टिव रखें
- नया नंबर लेने पर तुरंत बैंक में अपडेट करवाएं
- समय-समय पर अपने नंबर से UPI ऐप लॉगिन करके एक्टिविटी बनाए रखें
ऐप अपडेट और सिक्योरिटी सेटिंग्स को न करें नजरअंदाज
नए नियम लागू होने के साथ-साथ UPI ऐप्स जैसे PhonePe, Google Pay, Paytm, BHIM आदि में भी नए अपडेट्स आएंगे। इसलिए ये करना बेहद जरूरी है:
- अपने UPI ऐप को लेटेस्ट वर्जन में अपडेट रखें
- ऐप में लॉगिन करने पर सिक्योरिटी चेकलिस्ट पूरी करें
- नए नोटिफिकेशन या अलर्ट को ध्यान से पढ़ें
- किसी भी अनजान QR कोड को स्कैन न करें
ट्रांजैक्शन लिमिट में बदलाव – जानिए कितना भेज सकते हैं पैसे
NPCI ने मौजूदा नियमों में कुछ खास सेगमेंट्स के लिए लिमिट को बदला है:
- नॉर्मल UPI ट्रांजैक्शन की लिमिट अभी भी 1 लाख रुपये प्रतिदिन है
- हॉस्पिटल और एजुकेशन से जुड़े पेमेंट्स के लिए ये लिमिट बढ़कर 5 लाख रुपये हो गई है
- एक दिन में 20 ट्रांजैक्शन की लिमिट लागू है
- नए यूजर्स के लिए पहले 24 घंटे में केवल 5000 रुपये तक ही ट्रांजैक्शन संभव है
अगर आप ज्यादा ट्रांजैक्शन करते हैं या बड़े अमाउंट भेजते हैं, तो आपको अपने बैंक या ऐप से इन लिमिट्स की पुष्टि करनी चाहिए।
धोखाधड़ी से कैसे बचें – NPCI की नई चेतावनी
1 जून से जो सबसे बड़ा फायदा मिलने वाला है वो है फ्रॉड से बचाव। NPCI ने मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) को और मजबूत किया है। अब आपको पेमेंट करते वक्त OTP, UPI PIN और शायद एक और वेरिफिकेशन स्टेप पूरा करना पड़ सकता है।
साथ ही, इन बातों का ध्यान रखें:
- अनजान नंबर से आए लिंक पर क्लिक न करें
- किसी भी QR कोड को स्कैन करने से पहले उसके मालिक की पुष्टि करें
- फोन पर कोई बैंक अफसर बनकर जानकारी मांगे, तो अलर्ट हो जाएं
- कभी भी UPI PIN किसी को न बताएं
1 जून के बाद क्या-क्या ज़रूरी है करना
- अपने ऐप की सेटिंग्स को चेक करें – नए ऑप्शन और वेरिफिकेशन फीचर्स जुड़ सकते हैं
- अगर नंबर बदला है, तो तुरंत बैंक में अपडेट करवाएं
- अगर कोई ट्रांजैक्शन फेल हो जाए, तो कस्टमर सपोर्ट से तुरंत संपर्क करें
- UPI ऐप के ऑफिशियल अपडेट्स को फॉलो करें, अफवाहों से दूर रहें
सोचिए अगर आपका UPI बंद हो गया तो?
सोचिए आप किराने की दुकान पर पहुंचे, सामान खरीद लिया और जब पेमेंट करने लगे, तो ऐप ने दिखा दिया – “Your UPI ID is inactive” या “Transaction failed due to KYC issue” – कितना बड़ा झटका होगा ना?
इसलिए जरूरी है कि 1 जून से पहले ही सभी जरूरी काम पूरे कर लें और ऐप की गाइडलाइंस को ध्यान से पढ़ें। ये अपडेट सिर्फ एक टेक्निकल बदलाव नहीं है, बल्कि आपकी सुरक्षा, सुविधा और भरोसे से जुड़ा मामला है।
जैसे-जैसे डिजिटल पेमेंट्स का इस्तेमाल बढ़ रहा है, वैसे ही फ्रॉड और टेक्निकल गड़बड़ियों के मामले भी सामने आ रहे हैं। NPCI का मकसद यही है कि भारत में हर UPI यूजर को एक मजबूत, सुरक्षित और भरोसेमंद पेमेंट सिस्टम मिले।
अगर हम यूजर्स इन नियमों को समझकर फॉलो करेंगे, तो न सिर्फ हमारी ट्रांजैक्शन सेफ रहेंगी, बल्कि डिजिटल इंडिया का सपना भी मजबूती से आगे बढ़ेगा।
तो याद रखिए – 1 जून से पहले अपने UPI की जांच ज़रूर कर लीजिए, वरना हो सकता है अगली बार पेमेंट करते वक्त आपको बड़ी दिक्कत हो जाए।